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सब कुछ मीटता नहीं

  अरमानों की फरमानों में एक चांद खिला है जिंदगी की कशमकश में दर्द छुपा है प्रवाद ही सही पर चर्चे जरूर थे , बेहाल पड़ा तो क्या हुआ है फिर सवरेङ्गे , हां कुछ मिसाल खड़ा तो करेंगे कुछ तो है जो मिटता नहीं ,हां सब कुछ लूटता नहीं||‌ 

नादानी

होशियार होकर भी मन की नादानी जरूरी है । अंतस्थ ह्रदय परिवर्तन का मोहताज नहीं । यह है वही जो आप हो । अवरोध मिले हृदयस्थ का जरूरी है । पर आप की कहानी पुरानी रहे । सपनों में नई उमंग के लिए नादानी रहे । दुनिया को नहीं लेना देना आपके भूत का । बस आंखें हंसे तो जान लो यदि हो । बस वादा यही याद पीर पुरानी, पुरानी रहे।